जबलपुर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारतीय
संस्कृति में आरोग्यं परमं भाग्यं की मान्यता है। हमारी संस्कृति में निरोग रहने
को परम भाग्य माना गया है, पूर्वजों द्वारा बताए गए सात सुखों में - पहला
सुख निरोगी काया है। निरोग रहने के लिए हमारे ऋषियों ने योग और आयुर्वेद जैसे
अद्वितीय विज्ञान विश्व को दिए, जिसका मूल ऐसी जीवनशैली अपनाना है, जिससे
हम बीमार ही न पड़ें और रोग से पहले स्वास्थ्य की रक्षा हर व्यक्ति की सर्वोच्च
प्राथमिकता हो। आयुर्वेद के सिद्धांतों का पालन करने से आयुष्मान भव के आशीर्वाद
को हम चरितार्थ कर सकते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दसवें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस
पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में संबोधित कर रहे थे।
वेलनेस
को बढ़ावा देने के लिए आयुष और पर्यटन विभाग के बीच हुआ एमओयू
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागृह
में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को
अंगवस्त्र एवं औषधीय पौधा भेंटकर आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम में आयुष
मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का वाचन
किया। प्रदेश में वेलनेस को बढ़ावा देने के लिए आयुष और पर्यटन विभाग के बीच
समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आयुष जनस्वास्थ्य
कार्यक्रम के अंतर्गत 55 जिलों की 55 इकाइयों में प्रसार गतिविधियों, कैंसर
रोगियों के लिए "कारुण्य" कार्यक्रम और औषधि पौधों के लिए हेल्पलाईन का
शुभारंभ किया। साथ ही मासिक पत्रिका मध्य हर्बल दर्पण' के
प्रथम अंक और जन आरोग्य समिति की नियमावली का विमोचन किया। इस अवसर पर विभागीय
गतिविधियों पर लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया।
आयुर्वेद
में है अटूट विश्वास
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वास्थ्य
रक्षा के लिए उनका स्वयं का भी आयुर्वेद में अटूट विश्वास है। आयुर्वेद के
नियम-संयम के पालन का ही परिणाम है कि वे उच्च रक्तचाव, शुगर
जैसी जीवनशैली जन्य किसी भी रोग से पीड़ित नहीं है और जनसेवा को समर्पित जीवन में
निरंतर सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के साथ हमें दैनिक दिनचर्या में
सुधार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र
मोदी के कार्यकाल में योग एवं आयुर्वेद की स्वीकार्यता विश्व में बढ़ी है। आज
दुनिया के 150 से अधिक देश आयुर्वेद अपना रहे हैं। इस वर्ष दसवें राष्ट्रीय
आयुर्वेद दिवस की थीम 'आयुर्वेद फॉर पीपल एंड प्लैनेट' रखी
गयी है। आयुर्वेद किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि पूरी पृथ्वी के लिए है। जब
दुनिया मेडिकल साइंस को एक्सप्लोर भी नहीं कर पाई थी, उस
समय सुश्रुत संहिता में सर्जरी का उल्लेख मिलता है।
सभी
आयुष महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम किए जाएंगे संचालित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के आयुष
महाविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिए नए पदों का सृजन करते
हुए शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों की संख्या बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
आयुष विभाग के चिकित्सा अधिकारियों को वरिष्ठ पद नाम और प्रथम श्रेणी में शामिल
करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों के लिए
स्वास्थ्य विभाग के समान समयमान वेतनमान लागू किया जाएगा। इससे आयुष के 1453, होम्योपैथी
के 228, यूनानी के 85 सहित कुल 2698 अधिकारी लाभान्वित
होंगे। आयुष चिकित्सकों के लिए 3 अग्रिम वेतन सुविधा लागू की जाएगी, जिससे
300 अधिकारियों को लाभ मिलेगा। प्रदेश के सभी आयुष महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर
के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। यूनानी कॉलेजों में उर्दू के साथ हिंदी भाषा में
भी पढ़ाई होगी। मध्यप्रदेश को आयुष की शिक्षा और उपचार में देश का सर्वश्रेष्ठ
राज्य बनाया जाएगा।
मरीजों
को योग और ध्यान के साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए करें प्रेरित
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जीएसटी सुधार
से आयुर्वेदिक दवाएं सस्ती होंगी। आयुर्वेद दिवस पर प्रदेश के नागरिकों को 12 आयुष
अस्पतालों की सौगात मिल रही है। आयुष वेलनेस टूरिज्म के तहत उज्जैन और खजुराहों
में 50-50 बिस्तरों वाले दो अस्पताल खोल जा रहे हैं। साथ ही 10-10 बिस्तरों वाले
छोटे अस्पताल पचमढ़ी, मंदसौर, आगर-मालवा, चित्रकूट, चंदेरी, दतिया, सिंगरौली, ओरछा, ओंकारेश्वर
और अलीराजपुर में स्थापित होंगे। साथ ही कैंसर मरीजों के इलाज के लिए आयुर्वेद पर
आधारित एक नया जन स्वास्थ्य कार्यक्रम "कारुण्य" भी शुरू किया जा रहा
है। औषधीय खेती की जानकारी के लिए नया टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर आज से शुरू किया जा
रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार किया
जा रहा है। वर्तमान में जन स्वास्थ्य कार्यक्रम 9 आयुष महाविद्यालयों में संचालित
हो रहे हैं। अब इसे प्रदेश के 51 जिलों तक बढ़ाया जा रहा है, हर
जिले में एक-एक यूनिट खुलेगी। उन्होंने आयुष विभाग को "स्कॉच
अवॉर्ड-2025" के लिए भी शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चिकित्सकों
से मरीज को योग और ध्यान के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने
का भी आहवान किया।
गत
वर्ष डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को प्रदान की गईं आयुर्वेद स्वास्थ्य सेवा
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राष्ट्रीय आयुष
मिशन अंतर्गत 8 नवीन आयुर्वेद महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। इस वर्ष
झाबुआ, शुजालपुर (शाजापुर जिला) और डिण्डोरी में 3 नए
आयुर्वेद महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। प्रदेश के 3 महाविद्यालयों में नई फार्मेसी
बिल्डिंग बनेगी, खंडवा में 50 बिस्तरीय चिकित्सालय का निर्माण
किया जाएगा। आयुष महाविद्यालयों में बी.एस.सी. नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।
भोपाल, जबलपुर और उज्जैन के 3 महाविद्यालयों में
नर्सिंग पाठ्यक्रम शुरू होगा, सीट्स की संख्या 30-30 रहेगी। आमजन का रुझान आयुर्वेदिक
इलाज की तरफ बढ़ा है, यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 2 हजार
से अधिक आयुष संस्थाओं के माध्यम से डेढ़ करोड़ से अधिक लाभार्थियों को आयुर्वेद
स्वास्थ्य सेवा प्रदान की गई। राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत चलाए जा रहे सुप्रजा, आयुर्विद्धा, वयोमित्र
एवं संधिगत रोग रोकथाम के माध्यम से 1 लाख 93 हजार लोगों को लाभ मिला। सिकल सेल
एनीमिया उन्मूलन की दिशा में आयुष विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग
मिलकर खास अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत 800 आयुष
औषधालयों का उन्नयन कर आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रूप में विकसित किया गया है।
आयुष विभाग द्वारा प्रदेश में देवारण्य योजना लागू है, जिसके
तहत जनजतीय क्षेत्रों में पारंपरिक औषधियों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा
है।पिछले एक वर्ष में चिकित्सा सुविधा के विस्तार हेतु 595 आयुष चिकित्सा
अधिकारियों को नियुक्ति प्रदान की गई।
आयुर्वेद
के पारंपरिक ज्ञान का किया जा रहा है दस्तावेजीकरण
आयुष एवं उच्च शिक्षा मंत्री श्री इंदर सिंह
परमार ने कहा कि आयुर्वेद को जीवनशैली का हिस्सा माना गया है। योग और आयुर्वेद
भारतीय परंपरा का हिस्सा है। जनजातीय समुदाय के लोग आज भी आयुर्वेद के माध्यम से
स्वस्थ रहते हैं। आयुर्वेद को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
कार्य करना प्रारंभ किया है। भोपाल के खुशीलाल आयुर्वेदिक कॉलेज को टूरिज्म से
जोड़ा गया है। प्रदेश के अन्य आयुर्वेदिक कॉलेजों को भी पर्यटन से जोड़ने जा रहे
हैं, ताकि पर्यटकों को आयुर्वेद का लाभ मिले।
आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान का दस्तावेजीकरण करने का कार्य शुरू किया जा रहा है
इसमें आयुर्वेदिक कॉलेजों की अहम भूमिका होगी। आयुष विभाग के माध्यम से
होम्योपैथिक कॉलेज भी खोले जाएंगे। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु
और मध्यम उद्यम मंत्री एवं भोपाल जिले के प्रभारी मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप, खेल
एवं युवा कल्याण और सहकारिता मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग, और
संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास
एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, विधायक
श्री रामेश्वर शर्मा, श्री भगवान दास सबनानी, श्री
विष्णु खत्री, सहित गणमान्य जनप्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी
कर्मचारी व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।