कलेक्टर्स-कमिश्नर्स
कांफ्रेंस में हुआ जन कल्याण के लिए मंथन : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
प्रधानमंत्री
श्री मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति और सुशासन की व्यवस्था लागू करना
राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता
जबलपुर
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि
कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कांफ्रेंस जन कल्याण के विषयों पर मंथन की दृष्टि से सार्थक
रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की पूर्ति के
लिए सुशासन की व्यवस्था लागू करते हुए हम सभी कदम से कदम मिलाकर चलें। मध्यप्रदेश
में जहां मेट्रोपॉलिटन सिटी के विकास,
नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन, सांदीपनि
विद्यालयों की व्यवस्था सुदृढ़ बनाने और पीएम एक्सीलेंस कॉलेज के माध्यम से बेहतर
शिक्षा के कदम उठाए गए हैं, वहीं प्रदेश में अनेक नवाचार भी हुए हैं। गत दो
वर्ष में प्रदेश में अनेक प्रमुख नवाचार हुए इनमें एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत, स्वतंत्रता
दिवस पर जिला स्तर पर मंत्रीगण द्वारा जिले के विकास पर केंद्रित भाषण की
प्रस्तुति, प्रदेश में औद्योगीकरण को प्राथमिकता, केन
बेतवा परियोजना और पार्वती काली सिंध परियोजनाओं की बाधाएं समाप्त कर नदी जोड़ो
परियोजनाओं के लिए पहल आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही जनसुविधा के लिए पर्यटन हवाई
सेवा, ड्रोन तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहन और ई
पंजीयन सहित जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन के अंतर्गत विभिन्न
व्यवस्थाएं विकसित की गईं।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कांफ्रेंस के
प्रथम दिन समस्त सत्रों के पश्चात कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को जन कल्याण की अपेक्षा
के साथ आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव द्वारा दिए गए प्रमुख निर्देश
सभी
अधिकारी विजन-2047 के अंतर्गत प्रथम पांच वर्ष की योजना पर कार्य करें। कलेक्टर, सीईओ, एसपी, डीएफओ
अपने जिले में टीम बनाकर कार्य करें। कलेक्टर, सीईओ
एवं अन्य अधिकारी अनिवार्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि विश्राम करें। सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों के निराकरण पर
ध्यान दिया जाए। जनसुनवाई में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी, इसे
गंभीरता से लें। किसी भी जिले से जन प्रतिनिधियों से संवादहीनता
की शिकायत नहीं आना चाहिए।
जिलों में नवाचार की प्रक्रिया निरंतर
जारी रहे। जिन योजनाओं में सुधार की गुंजाईश है, उन
पर कार्य किया जाए। गीता भवन योजना में गति लाई जाए, नगरों
में ये भवन सामाजिक सद्भाव बढ़ाएंगे। साडा के कार्यों
की समीक्षा की जाए। उद्योगों के लिए एमओयू के क्रियान्वयन में तेजी
लाएं। पुरानी बंद मिलों की भूमि का यथाशीघ्र निपटारा
किया जाए। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दें, प्रत्येक
जिले में इस दिशा में संभावनाओं को साकार करें। लघु, कुटीर
उद्योगों को प्राथमिकता देते हुए कार्य हो। भू-अर्जन की
प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। राजस्व प्रकरणों
का निराकरण के तहत राजस्व महाभियान में जनवरी 24 से आज तक एक करोड़ 8 लाख प्रकरणों
का निराकरण हो चुका है। यह कार्यवाही निरंतर जारी रहे, राजस्व
प्रकरण लंबित नहीं रखे जाएं।
कृषि क्षेत्र में भावान्तर योजना के
पंजीयन पर ध्यान दें। वर्तमान में डेढ़ लाख किसानों के पंजीयन हो चुके हैं। प्रत्येक जिले में जैविक व प्राकृतिक खेती को
बढ़ावा दें। उद्यानिकी फसलों को प्रोत्साहित करें। गुलाब
की खेती को धार्मिक शहरों के करीब प्रोत्साहन दिया जाए। ड्रिप
स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जाए। प्रत्येक जिले में सप्ताह में एक दिन जैविक
एवं प्राकृतिक खेती के उत्पादों के लिए बाजार नियत होना चाहिए। स्वास्थ्य क्षेत्र में अस्पतालों का नियमित
निरीक्षण करें। बड़े अस्पतालों के साथ प्राईवेट मेडिकल कॉलेज पीपीपी मॉडल में
निर्मित किए जाएं। कुपोषण के विरूद्ध अभियान तेज किया जाए। जिलों में स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल
विकास के अमले में पर्याप्त समन्वय रहे। नगरीय निकायों
के क्षेत्र में शहरी यातायात सुधारें। बड़े शहरों में
फ्लाई ओवर बनवाएं। अवैध कॉलोनियों पर नियंत्रण की कार्यवाही की
जाए।